व्यक्तिगत परिचय: जाने माने उद्योगति श्री श्यामलाल बिंद जी के ज्येष्ठ पुत्र श्री राजेंद्र एस बिंद एक युवा, क्रियाशील ऊर्जा से भरपूर अनवरत प्रयोगधर्मी प्रगतिशील विचारधारा के पोषक सफल उद्योगपति के साथ साथ समाज में सक्रिय भूमिका निभाने वाले समाज सेवक भी हैं। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद रहने वाले श्री बिंद का परिवार पिछले 50 सालों से मुंबई में रह रहा है। मुंबई में रहते हुए भी इनके परिवार का आज भी रिश्ता बदस्तूर कायम है। जब कभी भी समाज को इनकी जरूरत महसूस होती है, आप बिना किसी संकोच के हमेशा तत्पर रहते हैं। मुंबई हो या आपका अपना गृह जनपद भदोही आप अपने समाज के लिए सेवा भाव से उपस्थित रहते आये हैं। परिश्रमधर्मी और जीवन में निरंतर बड़े लोगों से प्रेरणा लेने वाले राजेंद्र बिंद जी मुंबई के उत्तर भारतीय समाज और उद्योग जगत में एक जाना पहचाना नाम बन चुका है। राजेंद्र जी का जन्म भदोही जनपद के जगतपुर गांव में 15 सितंबर 1971 को हुआ। आपने प्रारंभिक शिक्षा से लेकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग तक की शिक्षा आपने मुंबई से प्राप्त की। शिक्षा ग्रहण करने के बाद राजेंद्र जी पिता श्री श्यामलाल जी द्वारा स्थापित एसएस इंजीनियरिंग कारखाने में पिछले 20 सालों से प्रोसेसिंग मशीनों के निर्माण का कार्य कुशलता पूर्वक कर रहे हैं। इनके कुशल प्रबंधन तथा आधुनिक दृष्टिकोण के चलते आज एसएस इंजीनियरिंग की मशीनें न केवल देश बल्कि विदेशों में निर्यात की जा रही हैं।
श्री राजेंद्र जी की अध्यक्षता में बिंद समाज कल्याण संघ मुंबई के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों तक में संघ की शाखाएं स्थापित करने में कामयाब हुई है। अब तक राजेंद्र जी की अध्यक्षता में बिंद समाज कल्याण संघ सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से मुंबई, जौनपुर, गोपीगंज तथा इलाहाबाद में सैकड़ों गरीब बेटे-बेटियों की शादी बिना दहेज की निःशुल्क करवा चुका है। इसके अलावा राजेंद्र जी लोगों को सामाजिक रूप से जागरुक करने एवं शिक्षित करने के लिए कार्यशाला का भी आयोजन करते हैं। इन दिनों बिंद समाज कल्याण संघ राजेंद्र जी की अध्यक्षता में दलित एवं पिछड़े समाज को बाबा साहब डाँ भीमराव आंबेडकर द्वारा संविधान में दिये गए आरक्षण की व्यवस्था को वर्तमान सरकार द्वारा खत्म करने की मंशा के खिलाफ सभाएं तथा बैनर पोस्टर के माध्यम से जनअभियान चलाने का कार्यक्रम प्रमुखता से कर रहा है। इस संबंध में पूर्वांचल के जिलों में राजेंद्र बिंद जी काफी सक्रियता से लगे हुए हैं।